सिसकता शिकस्तों का सोग कैसा
नागवार हैरतों का ऐतराज़ कैसा
अब है ये एहतराम कैसा
इंतज़ार भी है
तो अंजाम-ए-आगाज़-ए-उम्मीद जैसा
इनाम भी हैतो अंदाज़-ए-सुकूं जैसा
ख़ुदख़ुशी से ख़ुदगुदी जैसा
सिसकता शिकस्तों का सोग कैसा
नागवार हैरतों का ऐतराज़ कैसा
अब है ये एहतराम कैसा
इंतज़ार भी है
तो अंजाम-ए-आगाज़-ए-उम्मीद जैसा
इनाम भी हैतो अंदाज़-ए-सुकूं जैसा
ख़ुदख़ुशी से ख़ुदगुदी जैसा