Month: August 2018
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हम पर दुःख का परबत टूटा तब हमने दो चार कहे,
उस पे भला क्या बीती होगी जिसने शेर हज़ार कहे।
- बाल स्वरूप राही
जब खोने को कुछ नही था
तो लड़ने की ताक़त बेशुमार थी
जब खोने को बेपन्हा है
तो ताक़त तनहा है
हम पर दुःख का परबत टूटा तब हमने दो चार कहे,
उस पे भला क्या बीती होगी जिसने शेर हज़ार कहे।
जब खोने को कुछ नही था
तो लड़ने की ताक़त बेशुमार थी
जब खोने को बेपन्हा है
तो ताक़त तनहा है